आषाढ़ और माघ माह के नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाले नवरात्रों को दुर्गा पूजा नाम से और शारदीय नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवरात्रि 21 सितंबर से शुरू होकर 29 सितंबर तक रहेगी.
क्यों कहते हैं शारदीय नवरात्र
नवरात्रों का त्योहार तब आता है जब दो मौसम मिल रहे हो, अश्विन माह में आने वाले नवरात्रों को शारदीय नवरात्रे इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसके बाद से ही मौसम में कुछ ठंडक आने लगती है और शरद ऋतु की शुरुआत हो जाती है.
कौन से दिन किस देवी का है महत्व
-21 सितंबर को मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी.
-22 सितंबर को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का दिन है.
-23 सितंबर को मां चन्द्रघंटा की पूजा अर्चना की जाएगी.
-24 सितंबर का दिन मां कूष्मांडा की पूजा के नाम रहेगा.
-25 सितंबर को मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी.
-26 सितंबर को मां कात्यायनी की पूजा होगी.
-27 सितंबर को मां कालरात्रि की पूजा संपन्न की जाएगी.
-28 सितंबर को अष्टमी मनाई जाएगी और इस दिन मां महागौरी की पूजा होगी.
-29 को महानवमी होगी और इस दिन मां सिद्धदात्री की पूजा और कन्या पूजन होगा.
क्यों होता है 9 कन्याओं का पूजन
नौ कन्याएं को नौ देवियों का रूप माना जाता है. इसमें दो साल की बच्ची, तीन साल की त्रिमूर्ति, चार साल की कल्याणी, पांच साल की रोहिणी, छ: साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शाम्भवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की कन्या सुभद्रा का स्वरूप होती हैं.नवरात्रि के आते ही ही घर-घर में मां के आगमन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. गुरुवार से शुरू होने वाली नवरात्रि के नौ दिनों में यदि नौ विशेष चीजों का इस्तेमाल किया जाए तो इससे मां की कृपा भक्तों पर बनी रहती है.
साभार- http://hindi.firstpost.com
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